04-08-19

04-08-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”मातेश्वरी” रिवाइज: 09-01-85 मधुबन श्रेष्ठ भाग्यवान आत्माओं की रूहानी पर्सनैलिटी आज भाग्यविधाता बाप अपने श्रेष्ठ भाग्यवान बच्चों को देख रहे हैं। हर एक बच्चे के भाग्य की लकीर कितनी श्रेष्ठ और अविनाशी है। भाग्यवान तो सभी बच्चे हैं क्योंकि भाग्यविधाता के बने हैं इसलिए भाग्य तो जन्म-सिद्ध अधिकार है। जन्म-सिद्ध अधिकार … Continue reading 04-08-19